दही-हांडी मामला: अब बॉम्बे हाईकोर्ट तय करेगा 'गोविंदा' का उम्र
PUBLISHED : Aug 03 , 3:36 AM
मुंबई । सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट को केस पर दोबारा सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट को महाराष्ट्र सरकार के सुरक्षा को लेकर दाखिल हलफनामे के आधार पर नए सिरे से सुनवाई करने को कहा है. 7 अगस्त को बॉम्बे हाईकोर्ट सुनवाई करेगा. अब हाईकोर्ट तय करेगा कि 14 अगस्त को होने वाली दही हांडी में गोविंदा की उम्र 18 साल से कम हो सकती है या नहीं. या दही हांडी की ऊंचाई 20 फुट से ज्यादा हो सकती है या नहीं.
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट जब इस मामले की सुनवाई करेगा तो सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के पुराने आदेश उसके रास्ते में नहीं आएंगे. मालूम हो कि महाराष्ट्र में दही हांडी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में कहा है कि पुलिस कमिश्नर ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं. इनके तहत सभी दाही हांडी आयोजनों के लिए गद्दों और मेट्रेस की लेयर का इंतजाम हो. हिस्सा लेने वाले गोविंदा का बीमा हो और उन्हें चेस्ट गार्ड हेलमेट और सेफ्टी बेल्ट मुहैया कराई जाए.
सभी हिस्सा लेने वालों का पंजीकरण हो. हर आयोजन स्थल पर नाइलोन की रस्सी का मजबूत जाल तैयार रहे. आयोजन स्थल पर फर्स्ट एड और एंबुलेंस तैयार रहे.जख्मी होने पर गोविंदा को तुरंत मेडिकल सुविधा दी जाए और फौरन अस्पताल भेजा जाए. गोविंदा के लिए दिए जाने वाले वाहन में किसी तरह की लाठी या हथियार ना हो .शराब पिए व्यक्ति को आयोजन में हिस्सा न लिया जाने दिया जाए. आयोजन के लिए तैयार स्टेज पूरी तरह मजबूत हो और ज्यादा लोगों को स्टेज पर ना चढ़ाया जाए. पानी में किसी तरह के नुकसानदेह कैमिकल न मिलाए जाएं.
आयोजन के लिए निगम, पुलिस, फायर और अन्य संबंधित विभागों से पहले अनुमति ली जाए. इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से 18 साल से कम उम्र के बच्चों को भाग लेने की इजाजत मांगी थी. राज्य सरकार ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ये इजाजत दे दे कि सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि इन बच्चों के साथ कोई दुर्घटना ना हो. सरकार यह भी देखेगी कि बच्चों के लिए क्रेन आदि का इस्तेमाल हो.