MP Govt - सामान्य प्रशासन विभाग ने निगम-मंडलों और अन्य संस्थाओं के पूर्व मनोनयन को किया निरस्त -आदेश हुए जारी
PUBLISHED : Sep 11 , 7:27 AM
MP Govt - सामान्य प्रशासन विभाग ने निगम-मंडलों और अन्य संस्थाओं के पूर्व मनोनयन को किया निरस्त -आदेश हुए जारी
सामान्य प्रशासन विभाग ने निगम मंडल समिति, परिषद प्राधिकरण और संस्थाओं के अध्यक्ष उपाध्यक्ष संचालक सदस्यों के मनोनयन को निरस्त कर दिया है। इस आदेश के बाद पूर्व में किए गए सभी मनोनयन स्वत: ही समाप्त हो जाएंगे।
सामान्य प्रशासन विभाग ने आज आदेश जारी कर निगम , मंडलों , समितियों , परिषदों , प्राधिकरणों एवं अन्य संस्थाओं के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष , संचालक , सदस्यों के पूर्व में किए गए मनोनयन को निरस्त कर दिया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव , प्रमुख सचिव या सचिव ने प्राप्त किया था , उनके कार्यभार अब भारसाधक मंत्री को सौंपा जाना है।
सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश में कहा गया है कि ऐसे उपक्रम जिनके नियमों में अध्यक्ष की नियुक्ति या मनोनयन की कोई विशेष व्यवस्था है , वहाँ अध्यक्ष का प्रभार उसी प्राधिकारी के पास रहेगा
निगम मंडल में नियुक्तियां नही
सामान्य प्रशासन विभाग ने निगम मंडल समिति, परिषद प्राधिकरण और संस्थाओं के अध्यक्ष उपाध्यक्ष संचालक सदस्यों के मनोनयन को निरस्त कर दिया है। इस आदेश के बाद पूर्व में किए गए सभी मनोनयन स्वत: ही समाप्त हो जाएंगे। इस आदेश के माध्यम से प्रशासनिक ढांचे में एक नई दिशा और सुधार की योजना बनाई गई है। नए कार्यभार का वितरण आदेश के अनुसार, जिन उपक्रमों के अध्यक्ष का कार्यभार विभागीय अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव या सचिव ने संभाला था, अब उन उपक्रमों का कार्यभार भारसाधक मंत्री को सौंपा जाएगा।
मंगलवार 10 सितंबर 2024 को सामान्य प्रशासन विभाग ने इस संबंध में एक आदेश जारी किया है। जारी आदेश में बताया गया कि मुख्यमंत्री कार्यालय कि टीप के आधार पर मनोनयन निरस्त किए जाते हैं। अब निगम मंडल समितियों, परिषद, प्राधिकरण, में अध्यक्ष सहित अन्य पदों के मनोनीत पदस्थ नहीं रहेंगे। आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि अध्यक्ष का प्रभार नियामनुसार सौंप दिया जाएगा।
यह बदलाव प्रशासनिक कार्यों और प्रबंधन में अधिक सक्रिय और प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए किया गया है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन उपक्रमों के नियमों में अध्यक्ष की नियुक्ति या मनोनयन के लिए कोई विशेष व्यवस्था की गई है, वहाँ अध्यक्ष का प्रभार उसी प्राधिकारी के पास रहेगा, जिसका उल्लेख नियमों में है। इसका मतलब यह है कि इन उपक्रमों में नियमों के अनुसार नियुक्ति प्रक्रिया जारी रहेगी और अध्यक्ष का कार्यभार नियमत: प्राधिकारी के पास रहेगा। यह आदेश प्रशासनिक सुधार और व्यवस्था को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभाग ने सभी संबंधित अधिकारियों और विभागों को निर्देशित किया है कि वे इस आदेश को लागू करने में तत्परता दिखाएं और इसके प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करें।