मणिपुर के वायरल वीडियो की जांच करेगी सीबीआई
PUBLISHED : Jul 28 , 6:25 AM
मणिपुर हिंसा के बीच हाल ही में वायरल हुए दो महिलाओं की निर्वस्त्र परेड के वीडियो के मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बड़ा कदम उठाते हुए वीडियो की जांच सीबीआई को सौंप दी है।
केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में हलफनामा दाखिल करेगी। इसमें वह वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगा। इस बीच, सरकारी सूत्रों के हवाले से यह भी सामने आया है कि जिस मोबाइल से वह वायरल वीडियो शूट किया गया था, उसे भी बरामद कर लिया गया है। साथ ही वीडियो शूट करने वाले व्यक्ति को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। सरकारी सूत्रों ने यह भी बताया है कि केंद्र सरकार ने केंद्र ने कुकी और मैतेई समुदायों के सदस्यों के साथ बातचीत की है। प्रत्येक समुदाय के साथ छह दौर की बातचीत हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि जिस फोन से दरिंदगी का वीडियो लीक किया गया था, उसकी जांच से सिलसिलेवार घटनाओं का पता लगाया जा सकेगा। पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा रोकने और शांति व्यवस्था बनाने के लिए सेना व सीआरपीएफ के 35 हजार जवान तैनात किए गए हैं। सूत्रों ने कहा कि मणिपुर में सेना, सीआरपीएफ और सीएपीएफ के 35000 अतिरिक्त सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, सुरक्षा कर्मियों ने मैतेई बहुल घाटी इलाकों और कुकी बहुल पहाड़ी इलाकों के बीच एक बफर जोन बनाया है। शीर्ष सरकारी सूत्र ने बताया कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति अपेक्षाकृत बेहतर है, लेकिन सामान्य नहीं है। दवा और दैनिक आपूर्ति की कोई कमी नहीं है। खाद्य और आवश्यक आपूर्ति की कीमतें नियंत्रण में हैं। बड़ी संख्या में सरकारी कर्मचारी काम पर लौट रहे हैं और स्कूल भी फिर से शुरू हो रहे हैं।
मणिपुर पर छठे दिन भी उबला सदन, हंगामे के बीच काले लिबास में पहुंचा विपक्ष
संसद के मानसून सत्र का छठा दिन भी हंगामेदार रहा। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया, जिसके बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहे विपक्षी सांसद गुरुवार को राज्यसभा में काले लिबास में पहुंचे।
लोकसभा में विपक्ष के हंगामे एवं शोरशराबे के बीच दो महत्त्वपूर्ण विधेयक – जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2023 तथा निरसन एवं संशोधन विधेयक 2022 को गुरुवार को पारित कर दिया गया। दोनों विधेयकों के पास होने के बाद लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) बिल पास किया, जिसमें पायरेसी के लिए तीन साल की जेल और प्रोडक्शन कॉस्ट का पांच फीसदी जुर्माने का प्रस्ताव है। इससे पहले राज्यसभा में शुरुआत में 45 मिनट कार्यवाही चली।
विदेश मंत्री एस जयशंकर जब बोल रहे थे, तब विपक्ष नारेबाजी करता रहा। जवाब में भाजपा सांसदों ने मोदी-मोदी के नारे लगाए। जवाबी नारेबाजी में विपक्ष ने इंडिया-इंडिया के नारे लगाए। हंगामा न थमता देख सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को पहले 12 बजे तक, फिर दो बजे तक स्थगित किया। तीसरी बार जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्ष सदन से वॉकआउट कर गया। इसके बाद सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 में संशोधन करने वाला बिल ध्वनि मत से पारित हो गया।
उधर, लोकसभा में हंगामा कर रहे विपक्ष को स्पीकर ओम बिड़ला ने फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि पूरा देश देख रहा है, आप कैसा उदाहरण पेश करना चाहते हैं। हंगामा नहीं रुका, तो सदन दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दिया। दो बजे फिर बैठक शुरू हुई, लेकिन नारेबाजी लगातार जारी रही। हंगामे के बीच दो बिल जन विश्वास संशोधन और रिपील एंड अमेंडमेंट बिल पास हुआ। इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
खडग़े बोले, संसद का अपमान कर रहे पीएम मोदी
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने पीएम मोदी के राजस्थान दौरे को लेकर उन पर निशाना साधा। खडग़े ने कहा कि सदन चल रहा है। हम मांग कर रहे हैं कि पीएम मोदी सदन में आएं और बयान दें, लेकिन वह राजस्थान में राजनीतिक भाषण दे रहे हैं और प्रचार कर रहे हैं। जब वह वहां जा सकते हैं, तो क्या वह आधे घंटे के लिए सदन में आकर बयान नहीं दे सकते? खडग़े ने कहा कि इसका मतलब है कि उन्हें लोकतंत्र में कोई रुचि नहीं है, कोई विश्वास नहीं है। वह लोकतंत्र और संविधान की रक्षा नहीं करना चाहते हैं। वह संसद का अपमान कर रहे हैं।