गणेश चतुर्थी : यह उपाय दूर होंगी बाधाएँ, गणेश चतुर्थी 2022: शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
PUBLISHED : Aug 30 , 5:30 PM
गणेश चतुर्थी : यह उपाय दूर होंगी बाधाएँ
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को धर्म ग्रंथों में शिवपुत्र श्री गणेशजी का प्राकट्य बताया गया हैं। इस बार यह दिन 31 अगस्त बुधवार को पड़ रहा है। इस दिन देशभर में गणेश उत्सव का पर्व बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। हालांकि चतुर्थी तिथि की शुरुआत 30 अगस्त दोपहर 03 बजकर 33 मिनट से हो जाएगी। लेकिन गणेश चतुर्थी व्रत पूजन तिथि 31 अगस्त को होगी।
यह दिन ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत महत्व रखता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि आपके जीवन में किसी प्रकार की कोई बाधा है तो उसे दूर करने के लिए गणेश चतुर्थी पर कुछ उपाय हैं जिनको करने से आपकी समस्त बाधाएँ समाप्त हो जाएंगी। आज हम अपने पाठकों को कुछ ऐसे ही उपाय बताने जा रहे हैं जिनको गणेश चतुर्थी के दिन करने से बाधाओं से मुक्ति पा सकते हैं—
गणेश यंत्र की करें स्थापना
गणेश चतुर्थी के दिन विधिवत तरीके से गणेश यंत्र की स्थापना करें। इसके साथ ही इसकी नियमित रूप से पूजा करें। ऐसा करने से सुख-समृद्धि और सुख-शांति घर में बनी रहेगी। इस यंत्र के घर में रहने से किसी भी प्रकार की बुरी शक्ति घर में प्रवेश नहीं करती।
विघ्नों से छुटकारा पाने के लिए
अगर आप हमेशा किसी न किसी संकट से घिरे रहते हैं, तो गणेश उत्सव के दौरान गणपति की पूजा करने के साथ ऊं गं गौं गणपतये विघ्न विनाशिने स्वाहा मंत्र का 21 माला जाप करें।
गणपति अथर्वशीर्ष का करें पाठ
गणेश उत्सव के दौरान गणपति का अभिषेक करने से विशेष फलों की प्राप्ति होती है। इस दिन गणेश जी का शुद्ध जल से अभिषेक करें। इसके साथ गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें।
दुर्वा का उपाय
गणेश चतुर्थी पर पीले रंग की गणेश प्रतिमा अपने घर में स्थापित कर पूजा करें। पूजन में श्रीगणेश को हल्दी की पांच गठान श्री गणाधिपतये नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए चढ़ाएं। इसके बाद 108 दुर्वा पर गीली हल्दी लगाकर श्री गजवकत्रम नमो नम: का जप करके चढ़ाएं।
गुड़/ पीले रंग की मिठाई के भोग का उपाय
धन की इच्छा के लिए गणेश चतुर्थी के दिन स्नान आदि करने के बाद भगवान गणेश को गुड़ में शुद्ध घी मिलाकर भोग लगाएं। इसके बाद इसे गाय को खिला दें। इसके साथ ही मनोकामना पूर्ती के लिए गणेश चतुर्थी के दिन गुड़ से छोटे-छोटी 21 गोलियां बना लें और किसी गणेश मंदिर में जाकर दुर्वा के साथ इन गुड़ की गोलियों को अर्पित करें और गणपति से अपनी इच्छा कहें।
यदि लडक़े के विवाह में परेशानियां आ रही हैं, तो वह गणेश चतुर्थी पर भगवान श्रीगणेश को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। इससे उसके विवाह के योग बन सकते हैं।
दान में दें यह वस्तुएँ
गणेश चतुर्थी पर किसी गणेश मंदिर में जाएं और दर्शन करने के बाद अपनी इच्छानुसार गरीबों को दान करें। कपड़े, भोजन, फल, अनाज आदि दान कर सकते हैं। दान के बाद दक्षिणा यानी कुछ रुपये भी दें। दान से पुण्य की प्राप्ति होती है और भगवान श्रीगणेश भी अपने भक्तों पर प्रसन्न होते हैं
गणेश चतुर्थी 2022: शुभ मुहूर्त व पूजा विधि
31 अगस्त को गणेश चतुर्थी पर गणेशजी की स्थापना और पूजा के लिए दिनभर में कुल 6 शुभ मुहूर्त रहेंगे। सुबह 11.20 बजे से दोपहर 01.20 बजे तक का समय सबसे अच्छा रहेगा, क्योंकि इस वक्त मध्याह्न काल रहेगा, जिसमें गणेश जी का जन्म हुआ था।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैसे तो दोपहर में ही गणेश जी की स्थापना और पूजा करनी चाहिए। समय नहीं मिल पाए तो किसी भी शुभ लग्न या चौघडिय़ा मुहूर्त में भी गणपति स्थापना की जा सकती है। वैसे भी इस बार गणेश चतुर्थी पर 300 साल बाद ग्रहों की शुभ स्थिति बन रही और लंबोदर योग भी है।
भगवान गणेश की पूजा विधि
पूजा शुरू करने से पहले यह मंत्र बोले—
गजाननं भूतगणादिसेवितं कपित्थजम्बूफलचारु भक्षणम्।
उमासुतं शोकविनाशकारकं नमामि विघ्नेश्वरपादपङ्कजम्।।
ऊं गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए पूरी पूजा करें।
1. गणेशजी की मूर्ति पर पहले जल, फिर पंचामृत की कुछ बूंदें डालें। फिर जल छिडक़ें। फिर अभिषेक करें।
2. मूर्ति पर मौली चढ़ाकर वस्त्र पहनाएँ। फिर जनेऊ, चंदन, चावल, अबीर, गुलाल, कुमकुम, अष्टगंध, हल्दी और मेहंदी चढ़ाएँ।
3. इत्र और हार-फूल चढ़ाएँ। गुड़ और दूर्वा चढ़ाकर धूप-दीप अर्पित करें। पूजा शुरू करें।
4. ऋतु फल, सूखे मेवे, मोदक या अन्य मिठाई का नैवेद्य लगाकर भगवान को आचमन के लिए मूर्ति के पास ही बर्तन में 5 बार जल छोड़ें।
5. पान के पत्ते पर लौंग-इलाइची रखकर भगवान को अर्पित करें और दक्षिणा चढ़ाएँ। फिर आरती करें।
इतनी सारी चीजों से पूजन न कर पाएं तो इसके लिए छोटी पूजा विधि
1. चौकी पर स्वस्तिक बनाकर एक चुटकी चावल रखें।
2. उस पर मौली लपेटी हुई सुपारी रखें। इन सुपारी गणेश की पूजा करें।
3. इतना भी न हो पाए तो श्रद्धा से सिर्फ मोदक और दूर्वा चढ़ाकर प्रणाम करने से भी भगवान की कृपा मिलती है।